हमारे बारे में

हमारे  बारे में हम तो एक गुमनाम चिठ्ठी की तरह  जिसका   कोई पता ही नहीं है  ,जिसको मिल गई पड़  ली ,पड़ा तो मालूम पड़ा की आखिर हम है कौन ,नहीं मिली तो बस मस्त हो कर घूमता रहा .. एक अजनबी  की तरह अपने ही शहर में अपना  ही पता पूछता हुआ ...........
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2 टिप्पणियाँ:

  1. जो सत्य है वो सरल है जीवन का पूर्ण सत्य इसी में है गुरु बिना ज्ञान संभव ही नहीं

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  2. Sir, I would like to become your member and desire to subscribe your magazine. Please let me know how the subscription money could be deposited in your account and how much amount is for one year.
    Thanks & regards,
    Dr.R.P.Chugh

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